आपका इस लेख में स्वागत है हम इस लेख में Vishwa Ki Sabse Badi Janjati Kaun Si hai? और विश्व की सबसे छोटी जनजाति कौन सी है व विश्व की सबसे बड़ी तीन जातिय समूह कौन है इस विषय में चर्चा करेंगे.
जनजाति का अर्थ-
जनजाति आदिम समूह का किसी ऐसा समूह को जिसका एक सामान्य नाम जो एक निश्चित भूभाग में निवास करते हो एक सामान्य भाषा बोलते हैं तथा विवाह और व्यवसाय में कुछ खास नियमों का पालन करते हैं.
गिलिन और गिलिन के अनुसार- जनजाति उन विभिन्न जनसमूह से बनने वाला एक बड़ा जन समुदाय है, जो एक सामान्य क्षेत्र में निवास करते हैं एक सामान्य भाषा का प्रयोग करते हैं तथा जो एक सामान्य संस्कृति का अनुसरण करते हैं जनजाति कहते है.
जे.पी. सिंह के अनुसार- सांस्कृतिक रूप से समुदाय जिसका समान भू-भाग सामान्य भाषा तथा एक ही पूर्वजों का वंश होता है यह एक अंतर्विवाही समूह है इसके सदस्यों में सामान्यत: स्तरण में नहीं होता है और सारे सदस्यों का सामाजिक स्तर एक जैसा होता है.
पिडिंग्ट के अनुसार- व्यक्तियों के उस समूह को हम जनजाति के रूप में परिभाषित करते हैं जो एक सामान्य भाषा बोलता हो एक सामान्य भू-भाग में रहता हो तथा सामान्य सांस्कृतिक विशेषताओं को प्रदर्शित करता हैं.
जनजाति की विशेषताएं
1 सामान्य जनजाति के नाम
सभी जनजाति समूह के अलग-अलग सामान्य नाम होते हैं जिसके द्वारा उसे पहचाना जाता है.
2 विशेष भू-भाग
जनजातियों का समूह का एक निश्चित भू-भाग में निवास होता है और उस भूभाग में निवास करने से उस समुदाय की भावनाओं का विकास होता है.
3 सामान्य भाषा
जनजातियों का एक अपनी सामान्य भाषा होती है जिसका उपयोग वह अपने विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए करते हैं, और इनकी भाषा ही एक दूसरे को बांध कर रखती है और यह ही इनकी विशिष्ट पहचान है.
4 सामान्य संस्कृति
प्रत्येक जनजाति का अपने एक विशेष संस्कृति होती है, इनके संस्कृति में व्यवहार में कुछ नियम, प्रथा, धार्मिक, परंपरा, विश्वास और कुछ जादू की क्रिया समावेश होता है, जनजाति के स्थानीय क्षेत्रीय मुखिया और दूसरे प्रभावपूर्ण लोग, लोगों का कार्य जनजाति के लोगों को अपने संस्कृति व्यवस्थाओं से परिचित कराना तथा जनजाति एकता को सुदृढ़ बनाए रखना होता है.
5 अंतर्विवाह समुदाय
जनजाति समुदाय के सभी सदस्य अपनी जनजाति समूह में ही विवाह संबंध स्थापित करते हैं, जनजाति से बाहर विवाह करने वाले व्यक्तियों को जनजाति समुदाय के लोगों द्वारा दंडित करने का प्रचलन है.
6 आत्म निर्भरता
जनजाति समुदाय मैं आत्मनिर्भरता पाई जाती है, जनजाति परंपरागत व्यवसाय की जगह अब खेती और श्रम के द्वारा अपनी जरूरतों को पूरा करने लगी है, जनजाति समुदाय दूसरे समुदायों की तुलना में आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से बाहरी समूह पर निर्भर नहीं है या बहुत कम निर्भर है.
Vishwa Ki Sabse Badi Janjati Kaun Si hai विश्व की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है
पश्तून जनजाति – पश्तो या “पश्तून जनजातियाँ” यह पश्तून लोगों की एक बड़ा पूर्वी ईरानी जातीय समूह है जो पश्तो भाषा का प्रयोग करती है, और पश्तो लोग पश्तून वाली “आचार संहिता “ का अनुसरण करते है यह मुख्य रूप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान में निवास करते हैं और पश्तून जनजाति विश्व की सबसे बड़ी जनजाति समाज का निर्माण करती है, जिसमें 49 मिलियन से भी अधिक जनसंख्या शामिल हैं और यह 350-400 से अधिक जनजातियों और कुलो के बीच शामिल है, यह परंपरागत रूप से चार जनजाति समूह में विभाजित है :-
- सरबानी (Sarbani) – 105 जनजाति समूह
- बेट्टानी (Bettni) – 80 जनजाति समूह
- घरघश्ती (Gharghshti) – 95 जनजाति समूह
- करलानी (Karlani)- 128 जनजाति समूह
पश्तून जनजाति की उत्पत्ति का कोई स्पष्टीकरण नहीं है लेकिन इतिहासकारों के अनुसार पहली और दूसरी सहताब्दी के बीच पख्तों (पैक्टियंस) कहा जाने वाला विभिन्न प्राचीन लोगों से संबंध इन पश्तून लोगों से पाए गये हैं, जो उनके शुरूआती पूर्वज से हो सकते हैं, और यह अक्सर एक योध्दा होते है क्योंकि ये पहाड़ो व विकट परिक्षेत्र में रहते हैं इन्हें हमेशा यूध्द करने के रूप में चित्रित किया जाता है.
इनका इतिहास ज्यादातर दक्षिण और मध्य एशिया के विभिन्न देशों में फैला हुआ है जो मध्यकालीन अफगानिस्तान में सत्ता के पारंपरिक जगह पर केंद्रित है.
संभवत: पश्तून लोगों की सबसे प्रमुख संस्था जनजातियों की जटिल व्यवस्था है पश्तून मुख्य रूप से आदिवासी लोग से बने है, लेकिन शहरीकरण की विश्वव्यापी प्रवृत्ति के पश्तून समाज को बदलना शुरू कर दिया है शहरीकरण की और इस प्रवृत्ति के बावजूद के बाद भी कई लोग अभी भी खुद को विभिन्न कुलो के साथ पहचाने जाते हैं, अधिक सटीक रूप से पश्तून आदिवासी व्यवस्था के भीतर संगठन के कई स्तर में हैं.
पश्तून लोग भारत के कश्मीर में भी निवास करते है यहाँ इनकी जनसंख्या लगलभ 15,000 के आस-पास है और भारत सरकार ने इनको भारत की नागरिकता भी प्रदान की है, कुछ मीडिया इंटरव्यू में कश्मीर के कुछ शिक्षकों का कहना है कि पश्तून बच्चों का समझने और सीखने की शक्ति बहुत अच्छा होती है इनके बच्चे कुछ भी चीज को प्यार से समझाने से बहुत जल्दी ही समझते व सीखते हैं और पश्तून बच्चे बहुत Intelligent भी होते हैं.
Vishwa Ki Sabse Badi Janjati Kaun Si hai,विश्व की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है
भारत की सबसे बड़ी जनजाति 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सबसे बड़ा भील जनजाति समूह है और भील जनजाति विश्व का सबसे बड़ी जनजाति समुदाय में एक है, भारत की जनजातिय आबादी का लगभग 38% हिस्सा बनाते हैं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश राजस्थान और त्रिपुरा में भी आदिवासी जनजाति शामिल है.
यह पाकिस्तान के सिंध के थारपरकर जिले में भी बसे हुए हैं, भील जनजाति भारत समेत पाकिस्तान तक विस्तृत रूप से फैली हुई है प्राचीन काल में भील जनजाति का शासन शिवि जनपद जिसे वर्तमान में मेवाड़ कहते हैं की स्थापना की थी, यह जनजाति अपनी मातृभाषा के रूप में भील बोली बोलते हैं, इसके अलावा मराठी गुजराती में भी बात-चीत करती है.
भील जनजाति 2011 की जनगणना के अनुसार (16-17 मिलियन) भारत की सबसे बड़ी जनजाति है भील जनजाति है जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 16,908,907 पूरे भारत में शामिल है. इनमें पुरुषों की संख्या 8,620,117 और महिलाएं 8,450,932 शामिल है.
भील जनजाति राजस्थान की सबसे प्राचीन जनजाति है भील “शब्द” की उत्पत्ति द्रविड़ भाषा “बिलू” शब्द से हुई है जिसका अर्थ है कमान या तीर कमान “भील जनजाति के लोग तीर-कमान चलाने में अत्यधिक निपुण थे इस कारण इस जनजाति का भील नाम मिला होगा.
इतिहासकार “कर्नल जेम्स टॉड” द्वारा इनका नाम “वनपूत्र” रखा गया
“टॉलमी” के द्वारा “फिलाइट (तीरंदाज)” नामकरण किया गया.
भारत की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है
गोंड जनजाति विश्व के सबसे बड़े आदिवासी समूह में से एक है यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति समूह है, इसका संबंध प्राक-द्रविड़ प्रजाति से है, इनकी त्वचा का रंग काला, बाल काला, मोटे नाक बड़ी व फैली हुई होती है, यह अलिखित भाषा गोंडी बोली बोलते हैं जिसका संबंध द्रविड़ भाषा से है.
गोंड जनजाति भारत के सबसे बड़े आदिवासी समूह में से एक है 2011 के जनगणना के अनुसार गोंड जनजाति की आबादी 12 मिलियन से भी अधिक है एवं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सबसे पुराने और सबसे अधिक आबादी वाले जनजाति गोंड है और आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल ,उड़ीसा में पाए जाते हैं.
गोंड़ शब्द की उत्पत्ति संबंधित तेलुगु भाषा कोंड़ शब्द हुआ है, जिसका अर्थ होता है पहाड़ अर्थात यह जनजाति पहले पहाड़ो में निवास करती थी इसलिए ये गोंड़ कहा गया, छत्तीसगढ़ के “बस्तर” की गोंड जनजाति भारत में सबसे प्रसिद्ध जनजाति में से एक है.
जिसे विवाह की अनन्य घोटुल प्रणाली के लिए मान्यता प्राप्त है, गोंड समाज में कुछ हद तक मातृसत्तात्मक है जहां दूल्हे अपने उचित सम्मान का भुगतान करने के लिए दुल्हन के परिवारों को पर्याप्त दहेज या धन देते हैं, खिंचाव जिन्हें क्योटोरिया के नाम से भी जाना जाता है, यह पूरे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में व्यापक रूप से जुड़े हुए हैं.
गोंड जनजाति मुख्य रूप से 4 समूह में विभाजित है-
1 राजगोंड
2 माडिया गोंड
3 धुर्वे गोंड
4 खतुलवार गोंड
गोंड जनजाति के मुख्य व्यवसाय कृषि है किंतु यह साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं इनका मुख्य भोजन बाजरा और मक्का है जिसे यह लोग दो प्रकार (कोदो और खुटकी) से ग्रहण करते हैं.
गोंडों का मानना है कि पृथ्वी, जल और वायु देवताओं द्वारा नियंत्रण किया जाता है. अधिकांश गोंड़ हिंदू धर्म को मानते हैं और “बारादेव” जिन के अन्य नाम भगवान श्री शंभू महादेव और पर्सा पेन हैं की पूजा करते हैं गोंड़ जनजाति के धार्मिक विश्वास में टोटम का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है हर क्षेत्र में विशेष टोटम की पूजा करते हैं.
भारत के संविधान में इन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित किया गया है.
गोंड जनजाति का निवास
गोंड जनजाति अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में निवास करते हैं, यह पहाड़ी क्षेत्रों में और घने जंगलों में उनके निवास पाए जाते हैं, मैदानी क्षेत्रों में इनके गांव कृषि योग्य भूमि जल प्राप्ति और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं, उनके घर घास, फूस व मिट्टी के बने होते हैं, निवास के आधार पर गोंड जनजाति के 2 वर्ग हैं राजगोंड़ यह लोग भूमि स्वामी होते हैं धर्वे गोंड यह गोंड़ जनजाति का साधारण वर्ग में आते हैं. post: Vishwa Ki Sabse Badi Janjati Kaun Si hai.
विश्व की सबसे बड़ी जाति कौन सी है | What Is The 3rd Largest Ethnic Group In The World?
1 हान चीनी
हान लोग या हान चीनी (सरलीकृत चीनी या पारंपरिक चीनी) शाब्दिक रूप से हान जातीय समूह है, ये चीन के मूल निवासी का एक पुर्व एशियाई जातीय समूह हैं, हान चीनी विश्व के सबसे बड़े जातीय समूह है, जो विश्व की आबादी का लगभग 18% हिस्सा बनाते हैं हान लोगों में विभिन्न उप समूह शामिल है जो हान लोग एक विशिष्ट चीनी भाषा बोलते हैं.
हान चीनी जाति के लोगों का दुनिया भर में अनुमानित जनसंख्या “1.4 अरब” है हान चीनी लोग मुख्य रूप से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना से संबंधित हैं,
हान चीनी जाति की उत्पत्ति उत्तरी चीन में हान चीनी के पूर्वजों हुआक्सिया पीली नदी क किनारे रहने वाले कृषि जनजातियों के समूह के संबंधित होते हैं, यह समुदाय नवपाषाण युग के परिसंघ में कृषि जनजाति हुआ करते थे.
ये उत्तरी चीन में पीली नदी के मध्य और निचली इलाकों के आसपास के केंद्रीय मैदानों मे बस गए थे, ये जनजातियां ही आधुनिक हान चीनी लोगों की पुर्वज थी जिन्होंने चीनी सभ्यता को जन्म दिया.
शुरुआती प्रत्यक्ष चेतना का उदय हुआ जो खुद को हुआक्सिया (शाब्दिक रूप से, सुंदर भव्यता) के रूप में संदर्भित करता है जिसे विशिष्ट रूप से एक “सभ्य” संस्कृति की प्रशंसा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
हान लोगों का नाम पहली बार उत्तरी और दक्षिणी राजवंशों में प्रकट हुआ जो हान राजवंश से प्रेरित था जिसे चीनी इतिहास में पहले स्वर्ण युग में से एक माना जाता है, एक एकीकृत और सशक्त साम्राज्य के रूप में हान चीनी उस समय पूर्वी एशियाई राजनीतिक प्रभाव के केंद्र के रूप में उभरा जिसने अपने पूर्वी एशियाई पड़ोसियों पर अपना अधिकांश अधिपति पेश किया.
और जनसंख्या के आकार भौगोलिक और सांस्कृतिक पहुंच में समकालीन रोमन साम्राज्य के साथ तुलनीय था, हान राजवंश प्रतिष्ठा और प्रमुखता में कई प्राचीन हुक्सिया को “हान के लोग” के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रभावित किया और आज तक हान चीनी ने इस राजवंश से अपना जातीय नाम लिया है और चीनी लिपि में इसको “हान वर्ण” कहा जाता है.
2 अरब लोग या अरबी लोग
यह एक मानव जातियों का समूह है जो मुख्य रूप से पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में रहते हैं, और अरब लोग मुख्य रूप से अरबी भाषा बोलते है और अरबी संस्कृति से जुड़े हुए हैं.
हालांकि ऐतिहासिक रूप से “अरब जातीय समूह” की परिभाषा में फेरबदल आया है कुछ कालों में यह शब्द केवल बदू लोगों (जो पारम्परिक रूप से खानाबदोश जीवन व्यतीत करते थे) के लिए प्रयोग हुआ था जबकि अन्य कालों में बर्बर लोग भी इसमें शामिल रहे थे, यदि अरब लोगों की सबसे विस्तृत परिभाषा ली जाए तो इनकी जनसंख्या 400 से 420 मिलियन 35 से 40 करोड़ से भी अधिक है और हान चीनियों के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मानव जातीय समूह हैं.
यह अरब संघ, अर्जेंटीना, फ्रान्स ,संयुक्त राज्य अमेरिका, ईरान, इजरायल मेक्सिको, स्पेन ,तुर्की, ब्राज़ील, में निवास करते हैं.
भाषाएँ– अरबी या आधुनिक दक्षिणी अरबी भाषा बोलते हैं.
धर्म– अधिकतर इस्लाम, फिर ईसाई और अन्य धर्म के अनुयायी हैं.
अरब लोगों की पहचान
हालांकि बहुत से लोग अरब की पहचान को मुस्लिम नाम से पहचानते है, वास्तव में यह दो अलग चीजें हैं बहुत से अरब ईसाई भी होते हैं और कुछ यहूदी भी होते हैं वर्तमान काल में 9% से 10% अरब लोग ईसाई धर्म के अनुयायी हैं.
3 बंगाली
बंगाली, बनाली, बांगली या बंगाली लोग के रूप में भी जाना जाता है जो दक्षिण एशिया के बंगाल क्षेत्र से उत्पन्न हुए और सांस्कृतिक रूप से संबध्दीत है, और ये बंगाली भाषा बोलते है जो इंडो-आर्यन जातीय भाषाई समूह हैं.
वर्तमान में बंगाली जातीय समूह की जनसंख्या स्वतंत्र देश बांग्लादेश और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा बराक घाटी अंडमान निकोबार दीप समूह और झारखंड और मेघालय मणिपुर के हिस्से में अधिकांश बंगाली बोलते हैं, जो इंडो-आर्यन भाषा परिवार की एक भाषा है.
बंगाली जातीय समूह की कुल जनसंख्या 285 से 300 मिलियन हैं यह हान चीनी और अरब के बाद “बंगाली विश्व का तीसरा सबसे बड़ा जातीय समूह है” इस प्रकार ये भारत और यूरोपीय लोगों के भीतर सबसे बड़ा जातीय समूह है, और दक्षिण एशिया के सबसे बड़ा जातीय समूह है.
बांग्लादेश और भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा के साथ छत्तीसगढ़, झारखंड, मिजोरम, नागालैंड और उत्तराखंड के साथ ही नेपाल के प्रांत नंबर एक वैश्विक बंगाली प्रवासी बांग्लादेशी बंगाली और भारतीय बंगाली के मध्य पूर्व पाकिस्तान यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान तक विस्तृत रूप से बंगाली समुदाय निवास करते हैं.
बंगाली धार्मिक संबध्दता और प्रथाओं के मामले में एक विविध समूह है आज लगभग 67% इस्लाम के अनुयाई हैं जिनमें एक बड़े हिंदू अल्पसंख्यक और ईसाई और बौध्दों के बड़े समुदाय हैं.
इतिहास के प्रत्येक बड़े सांस्कृतिक समूह की तरह बंगालियों ने भी विविध क्षेत्र में विशेष रूप से कला और वास्तुकला भाषा और लोककथाओं, साहित्य, राजनीतिक व्यवसाय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी बहुत अधिक प्रभावित और महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं.
विश्व में सबसे बड़ी जनजाति किस देश में है?
Vishwa Ki Sabse Badi Janjati Kaun Si hai? यह निश्चित रूप से निर्धारित करना तो मुश्किल है, क्योंकि यह बात पर स्थाई रूप से निर्भर करती है, कि कोई जनजाति को कोई देश कैसे परिभाषित करता है, और जनसंख्या का आकलन कैसे और एकत्र कैसे किया जाता है.
हालांकि भारत में 135 करोड़ों ये भी अधिक की आबादी के साथ दुनिया के सबसे बड़े “आदिवासी” लोगों रहते हैं और इस तरह से विश्व में सबसे बड़ी जनजाति भारत देश में है, जो प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी जनजाति समूह से संबंध्दीत हैं.
“आदिवासी” शब्द भारत के स्वदेशी लोगों को संदर्भित करता है परन्तू भारत के भारतीय संविधान में किसी भी जाती को अनुसुचित जाती या अनुसूचित जनजाति को परिभाषित करने के लिए कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है यह विवादित का विषय है?.
भारत में किसी भी विशिष्ट समुदाय को SC/ST (Scheduled Caste या Scheduled Tribe) सूची में शामिल करने या उससे हटाने की प्रक्रिया राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में या राज्य सरकार या प्रदेश का प्रशासन राष्टपति के सहमती से SC/ST सूची में शामिल करना या उससे हटा सकती है इसके लिए संशोधन विधेयक को लोकसभा, राज्यसभा में मंजूरी ली जानी जरूरी होती है.
अनुसूचित जनजाति
जनगणना 2011 के अनुसार भारतीय संविधान अनुच्छेद 342 के तहत 705 जातीय समूह को अनुसूचित जनजातियों के रूप में सूचिबध्द किया गया है, जिसमें 10 करोड़ से अधिक भारतीय ST(Scheduled Tribe) के रूप में अधिसूचित है 1.04 करोड़ लोग शहर में और शेष ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं.
अनुसूचित जाति
जनगणना 2011 के अनुसार 1000 से अधिक जातियों को SC (Scheduled Caste) सूची के रूप में मान्यता मिली है और इसमें कुल जनसंख्या लगभग 20 करोड़ के आस-पास है.
विश्व की सबसे छोटी जनजाति
विश्व की सबसे छोटी जनजाति पिग्मी जनजाति है, पिग्मियों का कद अन्य जनजातियों के कद से छोटा होता है उनकी औसत ऊंचाई 1.33 मीटर से 1.49 मीटर या 4 फुट 11 इंच के बीच होता है, इनका त्वचा का रंग पीला या गहरा भूरा होता है, इनके जबड़े बाहर की और निकले, नथूने भ्रम और नाक चपटी होती है, इनके सीन बड़े और बाल काले होते है इनकी पहचान है.
पिग्मी जनजाति अफ्रीका ( जायरे, कांगो,गैबन, कैमरून रवांडा और बुरूंडी) में निवास करते है, अफ्रीका महाद्वीप मुख्य भूमध्य रेखीय वनों में कांगों नदी के आस-पास और ये पेड़ो पर निवास करते है और यहाँ पिग्मी जनजाति की जनसंख्या 2.5 से 6 लाख के आस-पास यहाँ पर रहते हैं.
विश्व की सबसे छोटी जनजाति कौन सी है
भारत के पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के तोतोपारा नामक एक छोटे से परिक्षेत्र में रहने वाले एक आदिम भारतीय-भूटानी टोटो जनजाति है, टोटो जनजाति अपनी टोटो संस्कृति और भाषा के लिए अद्वितीय है, और ये भूटानी शारचोप जनजाति से अलग है.
टोटो जनजाति सजातीय विवाह करते है और विवाह के बाद एक ही मोहल्ले में रहते है,1950 से टोटो जनजाति विलुप्त हो रही है, टोटो की कुल जनसंख्या 1377 है टोटो जनजाति विश्व की सबसे छोटी जनजाति हैं और यह दिन-प्रतिदिन घटती ही जा रही हैं.
इनके घटने के कारण यह है कि उनमें लगभग 50% बीटा थैलेसीमिया के वाहक है जो एक आनुवंशिक बीमारी है और बीटा ग्लोबिन के उत्परिवर्तन के कारण होती है.
टोटो जनजाति में एचबीई वाहक और एचबीई समयुग्मजी का प्रतिशत बहुत अधिक है और यही ही उनकी प्रारंभिक मृत्यु का वास्तविक कारण है, इस जनजाति की रक्षा के लिए सरकार को उनके विवाह को दो वाहकों के बीच प्रतिबंधित करना होगा और टोटो जनजाति के लिए थैलसीमिया कैरियर डिटेक्शन शादी से पहले अनिवार्य होना चाहिए.
भारत की सबसे छोटी जनजाति कौन सी है
भारत की सबसे छोटी जनजाति “राजी जनजाति” है, यह जनजाति उत्तराखंड राज्य के न्यूनतम आबादी वाली “राजी जनजाति” है, इस जनजाति को बनरोत, बनराउत, बनरावत, जंगल के राजा आदि नामों से भी जाना जाता हैं, इस सब में राजी जनजाति अधिक प्रचलित है.
राजी जनजाति के लोग उत्तराखण्ड राज्य में मुख्यत: पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला डांडिहाट, कनालीछीनी, विकासखण्ड के 7 गाँवो में चंपावत के एक गाँव में और नैनीताल के कुछ जगह में निवास करते हैं.
राजी जनजाति के लोग अपने आवास को रोत्युड़ा कहते है अब ये जनजाति उत्तराखण्ड राज्य के जंगलो से धीरे-धीरे बाहर आकर झोपडि़यों में रहने लगे हैं.
सन् 2011 के जनगणना में उत्तराखण्ड राज्य में राजी जनजाति के परिवारों की कुल संख्या लगभग 130 के आस-पास थी तथा इनका कुल जनसंख्या लगभग 528 था.
राजी जनजाति के लोगों का कद छोटा मुख चपटा और काठी मजबूत, व होंठ बाहर लपेट होते हैं और इनके बाल धागे जैसे होते है राजी जनजाति के शरीर का रंग सामान्य काला या कुछ-कुछ पीलापन होता हैं.
राजी जनजाति के भाषा इनके भाषा में तिब्बती और संस्कृति शब्द अधिक पाए जाते है राजी लोग जटिल मुण्डा भाषा बोलते हैं इस मुण्डा भाषा में स्थानीय भाषा का प्रभाव देखने को मिलता हैं.
राजी जनजातियों के भोजन- राजी जनजाति के लोगों में मुख्य भोजन मडुआ, मक्का, दाल, सब्जी भट्ट या सोयाबीन, मछली, मांस, जंगली फल कंदमूल व कई जंगली वनस्पतियाँ हैं.
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